श्रीलंका की अदालत ने दो आला अफसरों को लापरवाही के आरोपों से बरी किया
श्रीलंका की अदालत ने दो आला अफसरों को लापरवाही के आरोपों से बरी किया
कोलंबो: श्रीलंका की अदालत ने पूर्व पुलिस प्रमुख पुजित जयसुंदरा समेत दो शीर्ष अधिकारियों को 2019 में ईस्टर के मौके पर हुए आतंकी हमले के मामले में लापरवाही के आरोपों से बरी कर दिया। 21 अप्रैल, 2019 को नौ स्थानों पर हुए आत्मघाती हमलों में 11 भारतीय समेत करीब 270 लोग मारे गए थे। हाई कोर्ट ने जयसुंदरा और पूर्व रक्षा सचिव हेमासिरि फर्नाडो को लापरवाही के सभी आरोपों से बरी कर दिया।
अधिकारियों पर खुफिया सूचना होने के बावजूद हमला रोकने की कार्रवाई नहीं करने के आरोप थे। दोनों अधिकारियों को हमले के तीन महीने बाद जुलाई 2019 में गिरफ्तार किया गया था और अगस्त 2021 में उनको जमानत मिली थी। पिछले साल नवंबर में जयसुंदरा पर आपराधिक लापरवाही के 855 आरोप लगाए। फर्नाडो पर भी जयसंुदरा के ही जैसे आरोप लगाए गए थे। जयसंुदरा को जून 2019 में पुलिस प्रमुख पद से बर्खास्त कर दिया गया था।
बता दें कि स्थानीय इस्लामिक चरमपंथी नेशनल थावहीद जमात के नौ आत्मघाती बम हमलावरों ने 21 अप्रैल , 2019 को तीन गिरजाघरों एवं तीन लक्जरी होटलों में बम हमले किये थे जिनमें करीब 270 लोगों की जान चली गयी थी और 500 से अधिक घायल हुए थे। इन बम धमाकों के बाद श्रीलंका में राजनीतिक तूफान आ गया था। तत्कालीन राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे पर खुफिया जानकारी होने के बावजूद इन हमलों को नहीं रोक पाने के आरोप लगे थे।
घटना के बाद सिरिसेना ने हमले की जांच करने के लिए पैनल का गठन किया था। इस रिपोर्ट में कहा गया कि पूर्व राष्ट्रपति समेत कई शीर्ष रक्षा अधिकारियों, रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों, पूर्व आईजीपी और खुफिया चीफ ने पहले से मिली खुफिया जानकारी को नजरअंदाज किया था। पैनल ने सभी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की सिफारिश भी की थी। उस समय के पुलिस चीफ और शीर्ष रक्षा नौकरशाहों को बर्खास्त कर गिरफ्तार कर लिया गया था।